राजनीति

राकेश टिकैत अब पूर्व विधायकों संग लगाएंगे गाजियाबाद कोर्ट के चक्कर !

-2014 में मुरादनगर गंग नहर का पानी रोककर की थी नेतागिरी

-गाजियाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में किसान नेता राकेश टिकैत, विधायक योगेश धामा कई पूर्व विधायकों 9⁹सहित 25 नेताओं के विरुद्ध आरोप तय

गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट एमपी- एमएलए कोर्ट निशान्त मान की अदालत में वर्ष-2014 में किसानों, रालोद नेताओं व भाकियू नेताओं द्वारा मुरादनगर गंग नहर पर विरोध प्रदर्शन मामले आरोप आरोप क्या कर दिये हैं।

इस मामले के आरोपी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, विधायक योगेश धामा, पूर्व विधायक सुदेश शर्मा , पूर्व मंत्री दलवीर सिंह, पूर्व विधायक वीर पाल राठी, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, चेयरमैन अमरजीत सिंह बिड्डी, पूर्व प्रमुख अजय पाल सहित 25 आरोपी गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट एमपी- एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे । कोर्ट में सुनवाई में इस मामले में दाखिल चार्जशीट में आरोपों पर बहस हुई। अदालत ने बहस के बाद सभी आरोपियों पर आरोप तय करते हुए मामले को चलने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई के लिए 30 अप्रैल,2025 की तिथि निर्धारित की।

गौरतलब है कि 2014 में तत्कालीन रालोद के प्रमुख अजित सिंह की दिल्ली स्थित सरकारी कोठी खाली कराये जाने के विरोध में किसानों, रालोद नेताओं व भाकियू नेताओं का मुरादनगर गंग नहर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नहर का पानी रोक दिया था और नहर पर कब्जा जमा लिया था। पुलिस को इन विरोध प्रदर्शन करने वालों को वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस की ओर से थाना मुरादनगर में सभी प्रमुख नेताओं पर मुकदमा पंजीकृत किया था, जिसमें 36 व्यक्तियों को नामजद किया गया था। इस मामले में शुक्रवार को 25 लोग न्यायालय में हाजिर हो रहे हैं।

18 अप्रैल, 2025 को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, विधायक योगेश धामा, पूर्व विधायक सुदेश शर्मा , पूर्व मंत्री दलवीर सिंह, पूर्व विधायक वीर पाल राठी, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, चेयरमैन अमरजीत सिंह बिड्डी, पूर्व प्रमुख अजय पाल सहित सभी 25 आरोपी अपने वकील चौधरी अजयवीर सिंह के साथ न्यायलय में उपस्थित हुए थे। उनके अधिवक्ता की ओर से पुलिस द्वारा लगाए गये आरोपों पर जोरदार बहस की गई। 

आरोपियों का कहना था कि पुलिस ने इन राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकतार्ओं पर झूठे आरोप लगाये गए हैं। पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी है। इसलिए न्यायालय द्वारा आरोपों से मुक्त किया जाए। सरकारी वकील बिशम्बर सिंह ने कहा कि मुकदमे में परीक्षण के बाद ही तय हो सकेगा कि आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य है या नहीं, इसलिए इस स्तर पर आरोप मुक्त नहीं किया जा सकता।

गाजियाबाद स्पेशल जज एमपी-एमएलए निशांत मान ने सभी नेताओं पर आरोप तय कर साक्ष्य के लिए अगली तारीख 30 अप्रैल नियत की है। अब देखना होगा है कि अदालत में इन आरोपियों के विरुद्ध क्या-क्या साक्ष्य पेश किए जाते हैं और कब तक इस मामले में फैसला आता है

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