12वीं के बाद चुनें करियर, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों मेंलें प्रवेश

आमतौर पर 12वीं कक्षा पास करने के बाद अधिकांश छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक एकदम से यह तय नहीं कर पाते हैं कि वे अपने बच्चों को किस विषय की शिक्षा दिलाएं, ताकि आगे जाकर वे उनका करियर सुरक्षित हो सके। हालांकि अब बच्चे इस मामले में काफी समझदार व परिपक्व हो गये हैं। वे अपने माता पिता से पहले ही बता देते हैं कि उन्हें करियर के रुप में किस क्षेत्र को चुनना है। लेकिन आज भी ऐसे छात्रों की कमी नहीं है, जो अपना स्पष्ट मत नहीं रखते। वे खुद निर्णय न लेकर अपने अभिभावकों पर छोड़ देते हैं।
अब वह जमाना गया जब बच्चों को अपने अभिभावकों की बात माननी ही होती थी। लेकिन वर्तमान समय में बच्चों की पसंद व रुचि के अनुसार ही उनको आगे की पढ़ाई करानी चाहिए। किसी भी माता-पिता को अपने बच्चे पर अपनी पसंद का करियर चुनने के लिए बाध्य करना समझदारी नहीं कहा जा सकता। इस संबंध में उन्हें अपने बच्चे की रुचि व उसका बौद्धिक स्तर का समझना होगा। किसी की देखा देखी करना उचित नहीं है।
अधिकांश चिकित्सा जगत से जुÞड़े लोगों के बच्चे चिकित्सा के क्षेत्र में ही अपना करियर चुनते हैं, जबकि शिक्षक चाहते हैं कि उनके बच्चे शिक्षा जगत में ही बड़ा ओहदा चुने। ऐसे ही उद्योग व दूसरे क्षेत्रों के जुड़े लोगों के बच्चे का तो पहले से ही तय होता है कि उन्हें जीवन में क्या करना है, लेकिन अधिकांश परिवारों में आज भी बच्चे व अभिभावक आर्थिक अथवा दूसरे कारणों से अपने पसंदीदा करियर को नहीं अपना पाते हैं। ऐसे में उन्हें अन्य विकल्प चुनने पड़ते हैं।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि वर्तमान युग में उपयुक्त करियर चुनना किसी चुनौती से कम नहीं। अधिकांश माता पिता अपने आसपास के माहौल व परिचितों के बच्चों को देखकर ही अपने बच्चों को उसी क्षेत्र में भेजना चाहते ६ैं, लेकिन वे ये भूल जाते हैं कि हमें किसी अनुसरण नहीं करना चाहिए। क्योंकि हर बच्चे की पारिवारिक आर्थिक स्थिति, कार्यक्षमता और बौद्धिक स्तर अलग अलग होता है। इसलिए हमें अपने बच्चे की योग्यता व उनकी रुचि के अनुसार पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाना चाहिए, ताकि वह व्यावसायिक पाठ्यक्रम पूरा करके अपने भविष्य को करियर की दृष्टि से सुरक्षित कर सकें।
सीनियर सैकेड्री यानी इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद जो बच्चे विज्ञान के क्षेत्र में आना चाहते हैं वे इंजीनियरिंग की विभिन्न स्ट्रीम में भाग ले सकते हैं। इसके लिए बीटेक में अपने पसंद के कोर्स में प्रवेश लेना चाहिए। स्वयं की निजी व्यवसाय करने अथवा स्व उद्योग लगाने के इच्छुक छात्रों को बी. कॉम. सीए आदि में भी प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा जिन बच्चों की रुचि मीडिया के क्षेत्र में हैं, वे वीडियो एडिटिंग, पत्रकारिता को कोर्स, फोटोग्राफी, डिजाइनिंग आदि क्षेत्रों को चुन सकते हैं।
इनके अलावा आप अपने बच्चों को उनकी रुचि को देखते हुए फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर,इंटीरियर मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट टूरिज्म एवं ट्रेवल मैनेजमेंट आदि पाठ््यक्रमों में प्रवेश दिलाकर उनका करियर निश्चित कर सकते हैं। इनके अलावा तमाम व्यवसायिक पाठ्यक्रम हैं, जिनमें प्रवेश लेकर छात्र अपना व्यवसाय चुन सकते हैं। आप अपने बच्चों को उसकी रुचि के अनुसार विभिन्न क्षेत्र के पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलवाकर उनकी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए हम यहां आपको कुछ आवश्यक जानकारी दे रहे हैं।
व्यवसायिक पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक योग्यता न्यूनतम 50% अंको के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण है।
इनमें कुछ पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा होती है, जबकि कुछ में केवल साक्षात्कार के आधार पर भी प्रवेश की सुविधा होती है।
12वीं करने के बाद छात्र अपनी रुचि के अनुसार इन व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं:
बीबीए (बैचलर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन): यह पाठ्यक्रम व्यवसायिक प्रबंधन, वित्त, विपणन और मानव संसाधन में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
बीकॉम (बैचलर आॅफ कॉमर्स): यह पाठ्यक्रम व्यवसायिक लेखांकन, वित्त, विपणन और प्रबंधन में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
होटल मैनेजमेंट: यह पाठ्यक्रम होटल प्रबंधन, आतिथ्य और पर्यटन में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
फैशन डिजाइनिंग: यह पाठ्यक्रम फैशन डिजाइनिंग, फैशन प्रबंधन और फैशन मार्केटिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
इंटीरियर डिजाइनिंग: यह पाठ्यक्रम इंटीरियर डिजाइनिंग, आर्किटेक्चर और डिजाइन में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
ग्राफिक डिजाइनिंग: यह पाठ्यक्रम ग्राफिक डिजाइनिंग, विजुअल कम्युनिकेशन और डिजिटल मीडिया में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
फोटोग्राफी: यह पाठ्यक्रम फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और विजुअल स्टोरीटेलिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
इवेंट मैनेजमेंट: यह पाठ्यक्रम इवेंट मैनेजमेंट, कॉपोर्रेट इवेंट्स और वेडिंग प्लानिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट: यह पाठ्यक्रम टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट और पर्यटन में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
डिजिटल मार्केटिंग: यह पाठ्यक्रम डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग और आॅनलाइन मार्केटिंग में विशेषज्ञता प्रदान करता है।